20-04-2018, 11:12 PM
खामोशियों में धीमी सी आवाज़ है,
तन्हाईयों में भी एक गहरा राज़ है,
मिलते नही हैं सबको अच्छे दोस्त यहाँ,
आप जो मिले हो हमें खुद पर नाज़ है।
तन्हाईयों में भी एक गहरा राज़ है,
मिलते नही हैं सबको अच्छे दोस्त यहाँ,
आप जो मिले हो हमें खुद पर नाज़ है।