11-11-2017, 02:38 PM
जन्मदिन
आज वो दिन है
जब आया था एक शाहजहां
माँ की गर्भ में 9 महीने बीता के,
एक आस आयी थी,
उनके चेहरे को देख के,
जो खुद रोकर हम सबको हसाया था,,
वो कोमल ,नाजुक छोटा सा जरूर था,
आंखों में आंसू , एक अलग सी मासूमियत
पर साथ माँ की परछाई थी,
आज ही वो दिन है,
जब प्यारी सी प्रकृति की में,
मेरा प्यारा भैया आया था,,
किसी के साथ बेटा,
तो किसी के साथ भाई का रिश्ता,
सारी सौगात साथ लाया था।
हर एक रूप को उसने स्वीकारा था।
रही जब भी मैं अकेली,
उसने भाई के साथ एक दोस्ती का रिश्ता निभाया था
खुशियों के साथ गम में भी सबका साथ निभाया था
आज ही वो दिन है जब
जब प्रकृति की खूबसूरत गोद मे मेरा भैया आया था।