21-06-2018, 03:40 AM
उगते सूरज की आस है प्रेम
ढलते सूरज की रात है प्रेम
तपती जमी की प्यास है प्रेम
हंस का प्राण त्याग है प्रेम
कुछ ऐसा संसार है प्रेम
उड़ते परिंदों को देखकर
आयी मुस्कान है प्रेम
यादों का बादल छाते ही
हृदय मे उठी ज्वार है प्रेम
कुछ ऐसा संसार है प्रेम
दूसरों की खुशी के लिए
खुद को हार है प्रेम
उमंगो से भरी एक थाल है प्रेम
सब कुछ अपना कुर्बान है प्रेम
खूबसूरत जिंदगी का सार है प्रेम
कुछ ऐसा संसार है प्रेम
खुशियों का राज है प्रेम
झरनों की आवाज है प्रेम
उज्जवल जीवन का आगाज़ प्रेम
तपती गर्मी में बरसात है प्रेम
कुछ ऐसा संसार है प्रेम
*तौफीक लखनवी*
7071404505